इंटरनेट प्रोटोकॉल क्या है ? – आप सब तो जानते ही हैं कि आज का समय कितना ज्यादा आधुनिक बन गया है । आज के समय में हर चीज को नियंत्रित रखने के लिए नियम कानून बनाए गए हैं। जिस तरह से सड़क पर लगने वाले ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कुछ तरह के नियम बनाए गए हैं । ठीक उसी तरह इंटरनेट भी सूचना का एक सुपर हाईवे है जिसके अंतर्गत लाखों-करोड़ों डाटा ग्राम यात्रा करते रहते हैं। जिसे नियंत्रित रखने के लिए एक नियम बनाया गया है। जिसे प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता है।
चुंकि यह इंटरनेट पर डाटा कंट्रोल करती है, इसीलिए इसे इंटरनेट प्रोटोकॉल कहा जाता है। बहुत से लोगों को इन सब चीजों के बारे में जानकारी नहीं होती। इसीलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के अंतर्गत इंटरनेट प्रोटोकोल से जुड़े हुए सभी प्रकार की जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे। यदि आप इसके बारे में जानना चाहते हैं ,तो हमारे इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे । तो चलिए शुरू करते हैं।
इंटरनेट प्रोटोकॉल क्या है
आप सब तो जानते हि हैं कि आज के समय में कितना ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी इंटरनेट के अंतर्गत अलग-अलग नेटवर्को के माध्यम से एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में डाटा का आदान प्रदान किया जाता है। इन्हीं सब डाटा के आदान-प्रदान को नियंत्रिण में रखने के लिए एक ‘नियमों का समूह’ बनाया गया है , जिसे इंटरनेट प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता है।
इन नियमों के समूह को इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिकस इंजीनियर (IEEE) द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह नियम हि डाटा का संचरण निर्धारित और शासित करने का काम करते हैं। जब किसी एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में किसी भी प्रकार का डाटा भेजा जाता है तो इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर भेजा जाता है। इन्हीं टुकड़ों को आईपी पैकेटस या डाटा ग्राम कहा जाता है। यह इंटरनेट प्रोटोकोल सिस्टम भारतीय डाक सेवा (India postal service ) की तरह ही कार्य करता है।
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प्रत्येक डाटा ग्राम के अंतर्गत प्रेषक और प्राप्तकर्ता की जानकारी होती है जिसे आईपी इनफार्मेशन के नाम से जाना जाता है । इंटरनेट प्रोटोकॉल केवल डाटा को डिलीवर करने का काम करता है इसका प्रेषक और प्राप्तकर्ता से कोई विशेष जुड़ाव नहीं होता । इंटरनेट के अंतर्गत प्रत्येक डाटा ग्राम स्वतंत्र यात्रा करते हैं।
डाटा ग्राम का काम करने का क्रम निर्धारण एक दूसरे प्रोटोकॉल के द्वारा किया जाता है जिसे ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा भी डाटा ग्राम का क्रम निर्धारण करने के लिए यूजर डाटा ग्राम प्रोटोकॉल का भी इस्तेमाल किया जाता है।
प्रोटोकॉल के प्रकार
इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग तरह के डाटा संचारित किए जाते हैं। इसीलिए विभिन्न डाटा प्रकार के लिए अलग-अलग इंटरनेट प्रोटोकॉल बनाया गया है। जिसके माध्यम से सिर्फ विशेष तरह का डाटा ही संचारित किया जाता है। तो चलिए इसके विभिन्न प्रकार के बारे में जानते हैं:-
1. TCP
टिसीबी का फुल फॉर्म होता है- ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल। चुकी डाटा ग्राम अलग-अलग आकार , रास्ता ,समय, तय करता है इसीलिए डाटा को सोर्स तक एक क्रम में पहुंचाने के लिए टीसीपी का इस्तेमाल किया जाता है।
2. FTP
एफटीपी का फुल फॉर्म फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल होता है। इस प्रोटोकॉल के अंतर्गत एक खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके डाटा को एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में ट्रांसफर करने का काम किया जाता है।
3. HTTP
एचटीटीपी का फुल फॉर्म हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल होता है। एचटीटीपी के द्वारा वेब सर्वरों से डाटा आदान प्रदान करने के नियम तय किए जाते हैं।
4. IMAP
आईएमएपी का फुल फॉर्म इंटरनेट मैसेज एक्सेस प्रोटोकोल होता है। यह एक स्टैंडर्ड ईमेल प्रोटोकॉल है जोकि ईमेल्स को मेल सर्वर पर स्टोर करता है।
5. SMTP
एसएमटीपी का फुल फॉर्म सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकोल होता है। इसका उपयोग ईमेल भेजने के लिए किया जाता है।
6. POP
POP का फुल फॉर्म पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल होता है। इसका उपयोग 2 डिवाइसों के बीच संचार करने के लिए किया जाता है।
7. PPP
PPP का फुल फॉर्म पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल होता है। इसका उपयोग लिंक पर बहुप्रोटोकॉल डाटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
8. SNMP
SNMP का फुल फॉर्म सिंपल नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकोल होता है। इसका उपयोग लोकल एरिया नेटवर्क और वाईड एरिया नेटवर्क से कनेक्ट डिवाइसो का प्रबंध और मॉनिटर करने के लिए किया जाता है।
9. UDP
UDP का फुल फॉर्म यूजर डाटाग्राम प्रोटोकॉल होता है। इसकी मदद से low latency और loss-Tolerating कनेक्शन बनाया जाता है।
10. MIME
MIME का फुल फॉर्म मल्टीपरपज इंटरनेट मेल एक्सटेंशन होता है। इसका उपयोग अलग-अलग प्रकार की फाइलों का आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है।
11. UUCP
UUCP का फुल फॉर्म यूनिक्स टु यूनिक्स कॉपी प्रोटोकॉल होता है। इसका इस्तेमाल एक यूनिक सिस्टम से दूसरे यूनिक सिस्टम में डाटा का आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है।
12. Gopher
इसके माध्यम से यूजर्स को दुनिया भर की जानकारी Hierarchically रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
13. Ethernet
इसके माध्यम से तार वाले लोकल एरिया नेटवर्क पर डिवाइसों को जोड़ा जाता है।
14. Usenet
इसका उपयोग न्यूज़ और ऑनलाइन फॉर्म के लिए किया जाता है।
15. Telnet
इसका इस्तेमाल वर्चुअल कंप्यूटर को मैनेज करने के लिए किया जाता है।