असम में जल्द पास हो सकता है जनसंख्या नियंत्रण कानून, मुख्यमंत्री ने की मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात – भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है क्योंकि देश की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है जो विकास में बाधक साबित होती है। हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिश्वा सरमा ने 150 से भी अधिक मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की और बताया कि वे सभी जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सहमत हैं। मुख्यमंत्री का यह भी मानना है कि बढ़ती जनसंख्या के चलते प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में विकास में समस्या उत्पन्न हो रही है।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने 150 से भी अधिक मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बात की है जिसमें डॉक्टर लेखक इतिहासकार एवं प्रोफेसर आदि शामिल हैं। इन सभी ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को समर्थन दिया है और विकास को बढ़ाने के लिए इस कानून को समर्थन देने की बात कही है। असम के कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या अधिक है जहां पर दिन प्रतिदिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है।
बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक साबित हो रही है। यदि असम राज्य को देश के 5 सबसे टॉप राज्यों में से एक बनाना है तो जनसंख्या विस्फोट को रोकना होगा। इस बात पर सभी बुद्धिजीवियों ने सहमति भी व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के अल्पसंख्यकों को विकास के उपाय सुझाने के लिए आठ उप समूह गठित किए जाएंगे।
भारत में मुस्लिम समुदाय अभी भी मुख्यधारा से नहीं पाया है और साथ ही साथ इस वर्ग में शिक्षा की भी काफी कमी है। इसके साथ ही साथ जनसंख्या को लेकर कोई कड़ा कानून न बनने के कारण विकास में भी बाधा हो रही है। इसीलिए अल्पसंख्यक समुदाय को विकास के उपाय समझाने के लिए सरकार द्वारा आठ उप समूह गठित किए जाएंगे जो सभी को प्रदेश के विकास के बारे में समझाएंगे और उन्हें प्रेरित करेंगे।
उप समूहों में स्थानीय मुस्लिम सदस्य होंगे शामिल
इन 8 उप समूहों में मुस्लिम समुदाय के स्थानीय लोग सदस्य बनेंगे जो अपने-अपने क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जागृत करेंगे और उन्हें विकास के बारे में समझाएंगे। इन 8 उप समूहों को 3 महीने बाद सरकार को रिपोर्ट पेश करनी होगी। ये उपसमूह स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण, सांस्कृतिक पहचान, जनसंख्या स्थिरीकरण और वित्तीय समावेश जैसे क्षेत्रों पर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
ये उपसमूह करेंगे अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों पर चर्चा
इन उप समूहों का काम अल्पसंख्यक समुदाय के सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे एवं विचार विमर्श करेंगे। प्रत्येक उप समूह में स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय का एक व्यक्ति अध्यक्ष होगा एवं उसमें सरकार द्वारा एक सचिव भी नियुक्त किया जाएगा। जब 3 महीने बाद यह उप समूह अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश कर देंगे इसके बाद सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए रणनीति तैयार की जाएगी और अगले 5 सालों तक इसके ऊपर काम किया जाएगा।
देश के विकास के लिए सभी समुदायों का विकास जरूरी
मुख्यमंत्री का मानना है कि देश के विकास के लिए सभी समुदायों का विकास होना बहुत ही जरूरी है और सभी को इसमें साथ देने की आवश्यकता है। प्रदेश के सभी समुदाय विकास में साथ देते हैं और समझदारी के साथ काम करते हैं तो जल्द ही असम राज्य को देश के सबसे सिर्फ राज्यों में से एक बनाया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा एवं रोजगार दोनों सबसे अहम पहलू माने गए हैं। यदि प्रदेश में शिक्षा एवं रोजगार अधिक रहेगा तो इसका विकास निरंतर रूप से चलता रहेगा।